Monday, 24 July 2023

सबसे सच्चा साथी (sabse sachcha sathi )

जिसके होंठों पर कभी ना नहीं होती,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*      *         *          *


माँ अपने बेटे को पीठ पर उठाती हुई
सबसे सच्चा साथी 


जब माँ साथ होती है तो हम ,
पूरी दुनिया से लड जाते हैं,
उसका सहारा है पहाड़ के जैसा,
हम माँ के सहारे तकलीफों के आगे,
सीना तानकर खड़ जाते हैं,
माँ कभी हमें झूकने ना दे,
राहों में कितनी ही तकलीफें क्यों ना हों,
वो हमे रुकने ना दे,
वो है हमारा एक मसीहा,
जो कभी आँखों से आंसू ना बहने दे,
खुद सह लेगी हर तकलीफ़ मगर,
हम को कोई तकलीफ़ सहने ना दे,
साफ और पवित्र प्यार है जिसका,
निश्छल और प्रेम से भरा रिश्ता है जिसका,
वो घर सूना -सूना लगता है जहाँ माँ नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *         *         *
पहली बार जब मुझे माँ की गोद मिली ,
मैं रो रहा था पर माँ के चेहरे पर थी एक मुस्कान ,
उसने लगाया जब मुझे सीने से,
मुझे ऐसा लगा ये ही है मेरा भगवान,
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर कर,
मेरा माथा चूमा कंई बार,
गोद मे माँ की जाकर मैं,
भयमुक्त हो गया,
मुझे ऐसे लगने लगा ये ही मेरा पहरेदार,
उसके आँचल की गर्माहट,
मुझे हर घड़ी आराम दें,
जी-जान लगा देती है वो,
मेरी परवरिश करने में,
मुझे खुशियां इस जहां की माँ मुझे तमाम दे,
फिर एक दिन मेरा भगवान मुझसे रूठ गया,
मेरी माँ का आँचल मुझसे छूट गया,
मेरा हर सपना हर ख्वाहिश उस दिन से टूट गया,
कैसे गुजरते होंगे उनके दिन,
जिनके पास माँ के आँचल की पनाह नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *        *        *
सूना -सूना लगता था सब माँ के बिना,
माँ के बिना भी है क्या जीना,
बहुत याद आता है माँ का वो लाड़-प्यार,
हर दिन लगता था जैसे,
हो कोई त्योहार,
बिन माँ के अकेले हम हो गए,
हमारे जीवन में दुख ज्यादा,
सुख कम हो ग‌ए,
सपने में आती है माँ कभी -कभी,
मुझ पर प्यार लुटाने,
माँ का चेहरा देखकर,
मैं भी झूम उठता हूँ खुशी से,
इसी सपने के बहाने,
मैं खूब लूटता हूँ माँ के आँचल का प्यार,
फिर मुलाकात कब होगी राम जाने,
किसी और प्यार में माँ के प्यार जैसी,
वफ़ा नहीं होती,
माँ की कीमत उनसे पूछो,
जिनके पास माँ नहीं होती ।
*       *         *         *
creater-राम सैणी

















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